पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा स्रोत है। सरकार गाय पालन को बढ़ावा दे रही है। अनीता कुमारी ने गाय पालन से स्वावलंबी बना। उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने 10 हजार रुपए में एक गाय खरीदी।

धीरे-धीरे उनकी गायों की संख्या बढ़ी। प्रतिदिन 50 लीटर से अधिक दूध उत्पादन होता है। अनीता गांव के अन्य पशुपालकों को भी दूध बेचती हैं। उनकी सफलता उन्हें अन्य महिलाओं के लिए प्रेरित करती है। वे महिलाओं को व्यवसाय करने की सलाह देती हैं। अनीता की दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति का संचालन करती हैं। गाय पालन से गांव की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। अनीता के पति और परिवार ने उन्हें समर्थन किया।

अनीता ने 10 हजार रुपए के लोन से शुरुआत की। उनकी गायों की प्रजातियाँ क्रोस साहिवाल, गिर, जर्सी और फ्रिजियन हैं। उन्होंने 25 गायों को बेच दिया। अनीता की सफलता की कहानी दूसरों को प्रेरित करती है। अनीता ने मगध दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति का संचालन किया। उनकी सफलता दिखाती है कि गाय पालन से अच्छी कमाई हो सकती है। अनीता की कहानी गांव की अन्य महिलाओं को उत्साहित करती है।