जयश्री ने दक्षिण अफ्रीका के फ्लाइंग स्कूल से स्नातक होकर अपने समुदाय की पहली पायलट बनी। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद आईटी पेशेवर के रूप में काम किया। जयश्री कोटागिरी के पिता एक सेवानिवृत्त ग्राम प्रशासनिक अधिकारी थे। जयश्री ने कोयंबटूर में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका जाकर पायलट बनने के लिए परीक्षा उत्तीर्ण की।
परिवार के सदस्यों ने पहले उनका विदेश जाने का समर्थन नहीं किया था। जयश्री का परिवार बडुगा समुदाय से है। वे उड़ान भरने के लिए अपने सपनों को पूरा करने के लिए परिश्रम किया। उनका इतिहास पायलट बनने में एक नया मील का पत्थर है। जयश्री ने परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भारत लौट आईं। उनके परिवार ने उनका सपना समर्थन किया बाद में।
बडुगा समुदाय उत्तीर्णता के साथ अपने धरोहर को संभालता है। उन्होंने ऊटी और कुन्नूर क्षेत्र के आसपास रहा है। जयश्री का परिवार उनके सपनों के पीछे खड़ा रहा। वे अपने प्रेरणास्त्रोत के रूप में काम करती हैं। जयश्री ने अपने समुदाय को गर्वित किया। उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से नई ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लिया। उनका उत्तीर्णता की यात्रा और उनकी कड़ी मेहनत समुदाय के लिए प्रेरणादायक है।