यूपीएससी परीक्षा क्रैक करना चुनौतीपूर्ण है। परिवार में सिविल सर्वेंट होने का दबाव होता है। अनुपमा ने प्रेरणास्त्रोत के रूप में अपने पापा का उदाहरण देखा। उन्होंने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की। उन्हें 386 रैंक मिली और आईएएस पद मिला।

अनुपमा को आंध्र प्रदेश कैडर मिला। उन्होंने 2020 में आईएएस ऑफिसर हर्षित कुमार से शादी की। उनका ट्रांसफर हरियाणा कैडर में हुआ। वे अब भिवानी में एडीसी हैं। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए इंजीनियरिंग की। पहले प्रयास में वे सेलेक्ट नहीं हो पाए। उन्होंने दोबारा तैयारी की और सफलता प्राप्त की। उनके पिता आईपीएस ऑफिसर हैं।

उन्होंने 37 साल तक सेवाएं दी। उनके दादा जी भी सिविल सर्वेंट थे। उनकी स्कूलिंग दिल्ली में हुई। उन्हें परिवार ने यूपीएससी ज्वाइन करने की प्रेरणा दी। अनुपमा ने हार नहीं मानी और मोटिवेशन बनाया। उन्होंने दोबारा मेहनत की और सफलता प्राप्त की। वे पापा का आदर्श बने और हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने फेलियर को सेटबैक नहीं माना। उन्होंने अगले प्रयास में परीक्षा पास की। अनुपमा ने कमियों पर काम किया और सफलता हासिल की। उनकी सफलता का मार्ग उनके परिवार के उदाहरण से मिला। उन्होंने अपने अधिकारिकों की सेवा करते हुए समाज को सेवा की।