सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अधिकांश कैंडिडेट्स नौकरी कर रहे होते हैं। वे कठिनाइयों का सामना करते हुए भी मेहनत करते हैं। आलोक सिंह की कहानी सिविल सेवा की तैयारी के साथ नौकरी का एक उत्तम उदाहरण है।

उन्होंने अपने टाइम मैनेजमेंट को महत्व दिया। उनकी सफलता का रहस्य उनके धैर्य और मेहनत में छिपा है। आलोक ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की। उनका अधिकतर समय नोएडा में बिता। उन्होंने फुल टाइम जॉब के साथ तैयारी की। सिविल सेवा की तैयारी में उनकी जॉब ने उन्हें सहायता प्रदान की।

उन्होंने अपने सिलेबस के अनुसार स्टडी मैटेरियल तैयार किया। उन्होंने निराशा के दौर से नहीं गुजरने दिया। उन्होंने अपने पढ़ाई का शेड्यूल बनाया। हर दिन उन्होंने पढ़ाई की योजना बनाई। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और सुधार किया। तीसरे प्रयास में उनका सपना पूरा हुआ। आलोक ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उन्हें आदिवासी क्षेत्रों में जाने का मौका मिला। उन्होंने सिविल सेवा में अच्छा विकल्प देखा। उन्होंने अपने लक्ष्य की ओर पूरी मेहनत की।

उन्होंने सकारात्मक और मोटिवेटेड रहकर अपनी तैयारी की। उन्होंने अपने कॉन्फिडेंस को हाई बनाए रखा। उन्होंने असफलता के दौर में भी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील रहा। उनका उत्साह और मेहनत सिविल सेवा परीक्षा में सफलता लाने में मददगार रहा। आलोक की कहानी हमें दिखाती है कि कठिनाईयों का सामना करने में संघर्ष करने और मेहनत करने से सपने साकार हो सकते हैं।